नयी दिल्ली। केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद यसो नाइक ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि एक रहस्मय कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है तथा मंत्रालय के तहत अनुसंधान परिषदों ने पारंपरिक पद्धति पर आधारित चेतावनी एवं उपाए जारी किये गए जिसमेंएक उपाय के तौर पर रोजाना दोनों नासिकाओं में दो दो बूंद तिल का तेल डालने का सुझाव दिया गया है।
इसे भी पढ़ें: वैश्विक आर्थिक स्थितिसभी देशें को प्रभावित करेगी, लेकिन भारत की रक्षा खरीदारी को नहीं: राजनाथ
नाइक ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। इसमें साथ ही कहा गया है कि यह सलाह केवल सूचना के लिये हैं और इसे केवल पंजीकृत आयुर्वेद चिकित्सकों के परामर्श से अपनाया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘ एक रहस्मय नया कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। पूरा विश्व इससे भयभीत है। मंत्रालय के तहत अनुसंधान परिषदों ने भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी पर आधारित चेतावनी जारी की है।
आयुष मंत्रालय की ओर से जारी रोकथाम प्रबंधन एवं रोकथाम उपाए में कहा गया है किकोरोना की रोकथाम के लिए उपायों के तौर पर शेषमणि वटी 500 मिलीग्राम, दिन में दो बार गर्म पानी के साथ लें। मंत्रालय ने कहा कि आयुर्वेदिक परंपराओं के तहत कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण प्रबंधन में कुछ यूनानी उपयोगी दवाएं हैं जिनमें अर्क अजीब की 4.8 बूंदें ताजे पानी में लें और दिन में चार बार इस्तेमाल करें। इसी प्रकार 10 मिली शरबत नाजला 100 मिली गुनगुने पानी में दो बार रोजाना पिएं। इसमें कहा गया है कि विशेषज्ञों के समूह ने परस्पर यह सिफारिश की है कि होम्योपैथी दवा आर्सेनिकम एल्बम 30 संभावित कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ रोग निरोधी दवा के रूप में ली जा सकती है। आर्सेनिकम एल्बम 30 की एक खुराक तीन दिनों तक रोजाना खाली पेट लेने की भी सलाह दी गई है।अगर समुदाय में कोरोना वायरस का संक्रमण मौजूद हो तो यह खुराक एक महीने के बाद दोहराई जानी चाहिए।