बस्तीः- जनपद में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। कुल 95 कं टोनमेंट जोन बनाये गये हैं। पाबंदियां 50 फीसदी भी नही लागू हो पा रही हैं। सूचनायें छिपाने और पूर्व में पाजिटिव आये लोगों के संपर्क में रहने वालों की सैम्पलिंग में लापरवाही सामने आ रही है। प्रबुद्धजनों का कहना है कि कोरोना पड़ोस तक आ जा रहा है फिर भी पता नही चल पा रहा है।
अनजाने मे संक्रमण फैलता जा रहा है क्योंकि फैलने वाले को खुद नहीं पता कि ओ संक्रमित है ।
दूसरी तरफ हम स्थानीय प्रशासन और स्वस्थ विभाग के योगदान को भी नकार नहीं सकते ।
नजरअंदाजी तो कहीं कोरम पूर्ति का भी अपना योगदान होता है। कर रहा है, इसके कारण भी कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
गंभीर अवलोकन से कई जानकारियां छानकर मिली ।जिनको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
पहला मामला-शहर के बैरिहवां मोहल्ले के रहने वाले कार्तिकेय पाण्डेय जिला अस्पताल गये। उन्हे तेज बुखार, सर व गले में दर्द, सांस लेने में दिक्कत व खाँसी आ रही है, ऑक्सीजन लेवल घट रहा है। उन्हे पर्चे पर 4 दवाइयां लिखकर दे दी गयी, कहा गया जाकर गलाला करो, ठीक हो जायेगा।
उनके लक्षण कोरोना के हैं, खुद चलकर अस्पताल गये और उन्हे समझाकर वापस कर दिया गया, किसी ने उनका सैम्पल लेना उचित नही समझा। जब तक यह कंफर्म होगा कि वे पाजिटिव है तब तक न जाने कितने लोगों को वे संक्रमित कर चुके होंगे।
दूसरा मामला-कलेक्ट्रेट में संयुक्त निदेशक अभियोजन का कार्यालय है। यहां पीओ संजय शुक्ला 19 जुलाई को पाजिटिव पाये गये, उन्हे कैली अस्पताल में एडमिट किया गया। किन्तु कार्यालय पूर्ववत चल रहा है। जबकि सूत्रों की माने तो जेडी ने जिलाधिकारी को इसकी लिखित सूचना दी है। कार्यालय के अन्य कर्मचारी डरे हैं और करीब करीब सभी को सामान्य लक्षण हैं।
तीसरा मामला-शहर के रामेश्वरपुरी का है। यहां भी पाजिटिव केस मिला है। मोहल्ले वाले भ्रम मे है एक दूसरे से पूछ रहे हैं किसके घर में है कोरोना। सूचना कार्यालय से जानकारी दी गयी थी कि मोहल्ले को कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुये सील कर दिया गया है। हकीकत ये है दिन भर मोटरसाइकिलों का तांता लगा रहा है। बेखौफ होकर लोग मोहल्ले में आ जा रहे हैं। एक तो पता नही किसके घर कोरोना निकला है, दूसरे पाबंदियां नही के बराबर हैं।
चौथा मामला कलवारी का है। यहां थाने में 6 पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित पाये गये। सभी को कैली अस्पताल में एडमिट कराया गया। लेकिन थाना पूर्ववत चल रहा है। पाजिटिव आये स्टाफ के निकट संपर्क में रहने वाले लोग बाजारों में बेखौफ घूम रहे हैं, थाने का कामकाज निपटा रहे हैं। आसपास की दुकाने भी नियमित खुल रही हैं।
भव्या नर्सिंग होम 132 लोगो का कोरोना टेस्ट हुआ रहा उसका रिपोर्ट अब तक नहीं आया। खबरों के अनुसार कोरोना टेस्ट रिपोर्ट ही गायब होगी ना तो हॉस्पिटल के नाम का खुलासा हुआ और ना ही दुबारा कोई कार्यवाही की गई।
यही हाल पक्के बाज़ार के एक नामी वस्त्रालय का रहा।
इसके पहले भी कई गतिविधियां ऐसी हो चुकी है जैसे विकास भवन में पॉजिटिव मिलने पर आसपास सेनेटैज नहीं किया गया।जबकि संक्रमित इधर उधर घूमता रहा।
अब तो कोरोनावायरस पुलिस स्टेशन से जिलाधिकारी आवास तक पहुंच गया है। संख्या 720 पार हो चुकी है । इन सबका कारण प्रशासनिक लापरवाही ही मानी जा रही है । कुल मिलाकर स्थितियां यही रहीं तो हम एक गंभीर खतरे की ओर बढ़ रहे हैं।
जरूरत है स्पष्ट और निष्पक्ष निर्णय कि । बेहतर होगा यदि प्रशासन अपने कार्यों का मूल्यांकन स्वतः करे और आरोप सच है तो ऐसी खामियों को दूर कर बस्ती को कोरोना हब बनने से बचाया जा सकता है।